मौलवी अब्दुल हक़ वाक्य
उच्चारण: [ maulevi abedul hek ]
उदाहरण वाक्य
- उस दौर के हालात, किसानों और मजदूरों के आन्दोलन और 1936 में मुंशी प्रेमचंद, सज्जाद ज़हीर और मौलवी अब्दुल हक़ के नेतृत्व में प्रगतिशील आन्दोलनों के शुभारम्भ इस नौजवान शायर के ह्रदय व मस्तिष्क को इस कदर झंझोड़कर रख देते हैं की वो ऊँचे स्वर में ये घोषणा करता है-“अब मैं दिल बेचता हूँ और जान खरीदता हूँ” *
- उस दौर के हालात, किसानों और मजदूरों के आन्दोलन और 1936 में मुंशी प्रेमचंद, सज्जाद ज़हीर और मौलवी अब्दुल हक़ के नेतृत्व में प्रगतिशील आन्दोलनों के शुभारम्भ इस नौजवान शायर के ह्रदय व मस्तिष्क को इस कदर झंझोड़कर रख देते हैं की वो ऊँचे स्वर में ये घोषणा करता है-“ अब मैं दिल बेचता हूँ और जान खरीदता हूँ ” *